Droupadi Murmu: 15th President Of India

Droupadi Murmu 15th President Of India

हाल ही में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व में एनडीए गठबंधन ने आगामी राष्ट्रपति चुनावों के लिए अपने उम्मीदवार के तौर पर Droupadi Murmu के नाम की घोषणा की है ! जानकार बता रहे हैं कि भारतीय संसद और विधानसभाओं में भारतीय जनता पार्टी और एनडीए गठबंधन की मजबूती को देखते हुए द्रौपदी मुर्मू का राष्ट्रपति बनना लगभग तय हो गया है !

आज इस पोस्ट में हम द्रौपदी मुर्मू और उनकी उम्मीदवारी के मायनों को समझने की कोशीश करेंगे ! सबसे पहले रूपरेखा को समझ लेते हैं ! यानी इन बिंदुओं की बात कर लेते हैं, जिनके माध्यम से हम अपनी चर्चा को आगे बढ़ाएंगे ! तो सबसे पहले हम खबर यानी न्यूस को देखेंगे ! इसके बाद जायेंगे कि आखिर Droupadi Murmu कौन हैं ? और उनसे संबंधित संक्षिप्त परिचय को जानने की कोशीश करेंगे !

 

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Droupadi Murmu उम्मीदवारी की मायने

इसके बाद Droupadi Murmu की उम्मीदवारी है उम्मीदवारी के क्या मायने हो सकते हैं ? उम्मीदवारी का क्या महत्व है ? इस महत्व को भी समझने की कोशीश करेंगे ! साथ ही क्योंकि Droupadi Murmu भारत की संथाल जनजाति से संबंधित है ! तो ये जनजाति के इतिहास और इसके वर्तमान को भी समझने की कोशीश करेंगे ! साथ ही भारत में राष्ट्रपति के पद को लेकर क्या प्रावधान किए गए हैं ? इन प्रावधनों को समझेंगे, भारतीय संविधान में क्या क्या अनुच्छेद इस राष्ट्रपति के पद से संबंधित है ?

उन अनुच्छेदों पर बात करेंगे ! इसके अलावा भारत के कुछ चर्चित राष्ट्रपतियों की भी बात करेंगे ! उनका संक्षिप्त परिचय जानने की भी कोशीश करेंगे ! अंत में एक प्रश्न पर चर्चा करेंगे प्रश्न पर एम्स के स्तर का है ! और ये प्रश्न पिछले कुछ वर्षों में यूपीएससी में भी पूछा गया था ! ये जो पूरा विषय है वो सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र दो से संबंधित है ! और आप इसे भारतीय राजव्यवस्था और संसद जैसे खंडों से जोड़कर देख सकते हैं !

 

Droupadi Murmu के नाम की घोषणा

खबर है Droupadi Murmu से टु बी इलेक्टेड फर्स्ट ट्राइबल विमिन प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया ! यानी द्रोपदी मुर्मू के नाम की घोषणा हुई है ! और अगर वो चुनाव जीत जाती है वो राष्ट्रपति बन जाती है ! तो भारत की पहली ट्राइबल महिला राष्ट्रपति होंगी ! ट्राइबल विमिन प्रेसिडेंट होंगी ! इसको लेकर पूरी खबर लिखी गई है पूरी आर्टिकल इस विषय को लेकर है !

 

Droupadi Murmu संक्षिप्त परिचय

चलिए अब सबसे पहले शुरू करते हैं और Droupadi Murmu के बारे में एक संक्षिप्त परिचय जान लेते हैं ! द्रौपदी मुर्मू का जन्म बीस जून उन्नीस सौ अट्ठावन को ओडिशा के मयूरभंज जिले में हुआ था ! और वह भारत की जैसा की हमने बात की संथाल जनजाति से संबंधित हैं ! उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक शिक्षक के तौर पर की थी ! इसके बाद उन्होंने ओडिशा के सिंचाई विभाग में जूनियर असिस्टेंट का काम शुरू किया !

हालांकि काम शुरू करने के कुछ साल बाद ही उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी छोड़ दी ! और साल उन्नीस सौ सत्तानवे में उन्होंने पार्षद का चुनाव लड़ा ! इस चुनाव लड़ने के लगभग तीन साल बाद यानी साल दो हज़ार में वो ओडिशा विधानसभा का चुनाव जीती ! और एम एल ए बन गई और अपने इस पूरे चुनावी कार्यकाल के दौरान चुनावी करियर के दौरान उन्होंने उड़ीसा उड़ीसा राज्य में परिवहन और वाणिज्य, मत्स्य पालन और पशुपालन विभागों को सँभाला है !

 

झारखंड के राज्यपाल  द्रौपदी मुर्मू

इसके बाद उन्हें साल दो हज़ार पंद्रह में भारत सरकार द्वारा झारखंड के राज्यपाल भी नियुक्त किया गया था ! ऐसे में अगर वर्तमान समय में Droupadi Murmu राष्ट्रपति का चुनाव जीत जाती है ! तो वह न केवल भारत की दूसरी महिला राष्ट्रपति होंगी ! बल्कि वो भारत की पहली आदिवासी राष्ट्रपति होंगी ! तो इस लिहाज से उनकी उम्मीदवारी काफी महत्वपूर्ण हो जाती है !

 

चलिए ये तो हुई Droupadi Murmu की बात ! अब उनकी उम्मीदवारी के मायनों को समझ लेते हैं ! उनकी उम्मीदवारी की इस लिहाज से महत्वपूर्ण है इस बात को समझ लेते हैं ! तो अक्सर कहा जाता है कि भारत में आंधी आबादी होने के बावजूद भी संसद और विधानसभाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व काफी कम है ! जिसके कारण वहाँ पर महिलाओं की आवाज को उठाने के लिए उनके प्रतिनिधियों की संख्या भी काफी कम है !

 

महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए बेहतर संदेश

ऐसे में अगर द्रौपदी मुर्मू की नियुक्ति हो जाती है ! द्रौपदी मुर्मू का चुनाव हो जाता है ! तो ये उनका चुनाव भारत में शीर्ष पद पर उनका चुनाव महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काफी बेहतर संदेश होगा ! काफी बेहतर महसूस होगा ! इसके अलावा भारत में आदिवासी समुदाय को संसद और विधानसभाओं में जनसंख्या के आधार पर आरक्षण को दिया गया है !

लेकिन इस आरक्षण का लाभ अभी तक जनजातीय समुदायों को मिल नहीं पाया है ! और यही वजह है कि उनका सामाजिक आर्थिक विकास अभी भी काफी धीमा बना हुआ है ! ऐसे में अगर द्रौपदी मुर्मू का चयन होता है ! तो ये आदिवासी समुदाय को मुख्यधारा से जोड़ने में भी मदद कर सकता है ! यानी अगर द्रौपदी मुर्मू भारत के राष्ट्रपति बनती है ! तो यह न केवल महिलाओं के लिए बेहतर होगा ! बल्कि भारत के आदिवासी समुदाय के विकास के लिए भी काफी महत्वपूर्ण हो सकता है !

 

भारत में संथाल समुदाय

ये तो हुई द्रौपदी मुर्मू के जो उम्मीदवारी है, उनकी जो उनकी जो कैंडिडेचर है उस के क्या मायने हो सकते हैं ? अब जान लेते हैं भारत में संथाल समुदाय के बारे में क्योंकि द्रौपदी मुर्मू भारत की संथाल जनजाति से संबंधित है ! तो उसको जान लेना भी जरूरी है और इससे संबंधित प्रश्न भी भारत यूपीएससी में पूछे जा सकते हैं ! तो हम जानते हैं कि भारत एक जनजाति बहुल देश है ! भारत में तमाम तरह की जनजातियां पाई जाती है ! इन्हीं जनजातियों में से एक है भारत की संथाल जनजाति !

भारत की संथाल जनजाति भारत की सबसे बड़े जनजातीय समुदायों में से एक है ! और इस जनजाति के जो सदस्य हैं, मुख्य तौर पर पूर्वी भारत में पाए जाते हैं ! इसके अलावा अगर इन जनजाति के सदस्यों की बात करें ! तो यह सदस्य झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उड़ीसा और असम जैसे राज्यों में हमें देखने को मिलते हैं !

 

संथाल जनजाति की जनसँख्या 

वर्तमान समय में बात करें तो इस जनजाति समुदाय के सदस्यों की कुल संख्या भारत में तकरीबन पचास लाख के आसपास है ! इसके अलावा इस जनजाति समुदाय के कुछ सदस्य हमें बांग्लादेश और नेपाल में भी देखने को मिलते हैं ! बांग्लादेश में इस समुदाय के सदस्यों की संख्या तकरीबन दो, लाख के आसपास है ! जबकि नेपाल में इस समुदाय के सदस्यों की संख्या लगभग दस हज़ार के आसपास है !

 

इसके अलावा संथाल जनजाति समुदाय के सदस्य मुख्य तौर पर संथाली भाषा बोलते हैं ! और इस भाषा का प्रयोग करते हैं ! और यह भाषा ऑस्ट्रो एशियाटिक भाषा खेरवाड़ी का एक विकृत रूप है ! इसकी एक बोली मानी जाती है ! इस भाषा को तो ये तो ही जनजाति संताल जनजातीय समुदाय के कुछ संक्षिप्त परिचय ! अब यह जान लेना भी जरूरी है कि संथाल जनजाति समुदाय के जो सदस्य थे वह उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी !

 

संथाल समुदाय का स्वतंत्रता संग्राम में योगदान 

और ब्रिटिश ब्रिटिश सरकार के खिलाफ़ लड़ाई में उन्होंने अपना एक अनिवार्य योगदान दिया था ! इस संबंध में अठारह सौ पचपन का संथाल विद्रोह काफी प्रमुख हैं ! इस विद्रोह का नेतृत्व किया था सिद्धू मुर्मू और कान्हु मुर्मू ने इस विद्रोह के दौरान विद्रोहियों ने जो लोग विद्रोह कर रहे थे ! उन्होंने बाहरी लोगों का विरोध किया था बाहरी लोगों को जनजातीय भाषा में दी को बोला जाता है !

तो इस तरह से उन्होंने दी कुओं का विरोध किया था ! कौन थे बाहरी लोग ? इन बाहरी लोगों में शामिल थे राजस्व अधिकारी ! वो राजस्व अधिकारी जिनकी नियुक्ति ब्रिटिश सरकार द्वारा की गई थी ! और यह राजस्व अधिकारी जबरन आदिवासी समुदाय से राजस्व वसूलते थे ! इसके अलावा इन बाहरी लोगों में पुरुष पुलिस के लोग भी शामिल थे ! पुलिस प्रशासन भी शामिल था ! साथ ही साहूकारों जमींदारों को भी इन बाहरी लोगों की सूची में शामिल किया जाता था !

 

संथाल विद्रोह

और जो संथाल विद्रोह था उसमें इन सभी बाहरी लोगों के खिलाफ़ लड़ाई लड़ी जा रही थी ! इस विद्रोह के दौरान विद्रोहियों ने कंपनी के शासन के अंत की घोषणा कर दी ! उन्होंने घोषणा कर दी कि अब इस क्षेत्र में कंपनी का शासन समाप्त हो गया है ! और उन्होंने अपनी स्वतंत्रता की बात स्वीकार कर ली ! स्वतंत्रता की भी घोषणा कर दी !

 

यानी उन्होंने घोषणा कर दी कि अब ये पूरा क्षेत्र स्वतंत्र हैं ! वो लोग स्वतंत्र हैं और अब वो ब्रिटिश सरकार के अधीन नहीं आते हैं ! हालांकि साल उन्नीस सौ छप्पन में ब्रिटिश सरकार ने सेना का उपयोग करते हुए इस विद्रोह को दबा दिया ! इस विद्रोह को समाप्त कर दिया गया ! और आगे के प्रकाशन के तौर पर यानी इस कुछ उपायों के तौर पर की आगे इस तरह के विद्रोह न देखे जाएं ! ऐसे में ब्रिटिश सरकार द्वारा कुछ उपाय भी अपनाए गए थे !

 

ब्रिटिश सरकार ने विद्रोह को दबा दिया

इसमें सबसे पहला उपाय यह था कि संथालपरगना नाम से एक अलग जिला बनाया गया था ! एक अलग प्रदेश बनाया गया था यह पहला उपाय था ! इसके अलावा एक नया प्रावधान भी लाया गया था ! कि अब जो भी संथाली लोग है वो किसी गैर संथाली व्यक्ति को अपनी संपत्ति हस्तांतरित नहीं कर सकते हैं ! अपनी भूमि को हस्तांतरित नहीं कर सकते थे !

इस तरह से इस प्रावधान का प्राथमिक उद्देश्य संथाल क्षेत्र में गैर संथाली लोगों के आने पर रोक लगाना था ! यानी जो बाहरी लोग थे, जो देखो थे उनके आने पर रोक लगाना था ! तो ये कुछ प्रावधान ब्रिटिश सरकार द्वारा किए गए थे संताल विद्रोह के बाद !

 

भारत में राष्ट्रपति से संबंधित क्या प्रावधान है ?

अब जान लेते हैं भारत में राष्ट्रपति से संबंधित क्या प्रावधान है ? यानी भारतीय संविधान में राष्ट्रपति को लेकर क्या कहा गया है ? तो हम जानते हैं कि भारत एक गणराज्य है ! एक रिपब्लिक है ! और रिपब्लिक स्टेट की प्रमुख विशेषता यह होती है कि यहाँ का जो हेड ऑफ स्टेट होता है ! वो इलेक्ट्रिक कैंडिडेट होता है उसका चयन किया जाता है ! प्रत्यक्ष माध्यम से भी और अप्रत्यक्ष माध्यम से भी !

 

और भारत में ये जो इलेक्ट्रिक कैंडिडेट होता है, जो हेड ऑफ स्टेट होता है ! इसे राष्ट्रपति कहा जाता है ! भारतीय संविधान के भाग पांच में भारत के राष्ट्रपति की योग्यता, चुनाव की प्रक्रिया और महाभियोग की प्रक्रिया का जिक्र किया गया है ! यानी अनुभाग पांच में बताया गया है कि भारत का जो राष्ट्रपति होगा उसकी क्या योग्यताएं होंगी ? राष्ट्रपति का चयन किस तरह से होगा ? उसका चुनाव किस तरह से होगा ?

 

भारत का राष्ट्रपति

और अगर हमें राष्ट्रपति को उसके पद से हटाना है, उसका महाभियोग करना है ! तो उसकी क्या प्रक्रिया होगी ? भारतीय संविधान के मुताबिक भारत का राष्ट्रपति भारत की कार्यपालिका, इसके अलावा भारत की विधायिका और भारत की न्यायपालिका का औपचारिक प्रमुख होता है ! फोर्मल हैंड होता है इसके अलावा भारत के राष्ट्रपति, भारतीय सशस्त्र बलों, सेना, नौसेना और वायुसेना इन का भी कमांडर इन चीफ होता है !

 

भारतीय संविधान में राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद 52

ये तो हुई भारतीय राष्ट्रपति से संबंधित कुछ प्रावधान ! अब भारतीय संविधान में राष्ट्रपति से संबंधित क्या क्या अनुच्छेद है ? उनकी बात कर लेते हैं ! तो भारतीय संविधान में अनुच्छेद बावन से लेकर अनुच्छेद अट्ठावन तक भारतीय राष्ट्रपति से संबंधित प्रावधान किए गए हैं ! भारतीय संविधान का अनुच्छेद बावन भारत राष्ट्रपति के पद की बात करता है ! इसमें बताया गया है कि भारत में एक इलेक्ट्रिक कैंडिडेट होगा, एक हेड ऑफ स्टेट होगा ! जिसे राष्ट्रपति की तरह राष्ट्रपति के रूप में जाना जाएगा !

 

राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद 53-54-55-56

इसके अलावा भारतीय संविधान का अनुच्छेद तिरपन यह बताता है ! कि संघ की जो कार्यकारी शक्तियां हैं वो राष्ट्रपति में निहित होंगी ! और संघ की जो भी कार्य हैं वो राष्ट्रपति के नाम से ही किए जाएंगे ! इसके अलावा अनुच्छेद चौवन भारत में राष्ट्रपति के चुनाव में मतदान कौन कौन करेगा ? यानी राष्ट्रपति के मतदान की इलेक्टोरल कॉलेज होता है, उसमें कौन कौन लोग शामिल होंगे ?

कौन कौन लोग राष्ट्रपति के पद के लिए मतदान करेंगे ? इस को लेकर अनुच्छेद चौवन में जिक्र किया गया है ! अनुच्छेद पचपन हमें बताता है कि राष्ट्रपति के चुनाव की विधि क्या होगी ? यानी राष्ट्रपति का चयन किस तरीके से किया जाएगा ? अनुच्छेद छप्पन हमें राष्ट्रपति के पद का कार्यकाल का जिक्र करता है ! यानी राष्ट्रपति कितने समय के लिए पद को धारण करेगा ? इसका जिक्र अनुच्छेद छप्पन में किया गया है !

 

राष्ट्रपति से संबंधित अनुच्छेद 57-58

अनुच्छेद सत्तावन हमें यह बताता है कि राष्ट्रपति पुनर्निर्वाचन के लिए पात्र होगा या नहीं ! यानी कोई एक व्यक्ति को एक राष्ट्रपति या पुनर्निर्वाचित किया जा सकता है ? क्या वो दूसरी बार भी पद धारण कर सकता है ? इसका जिक्र अनुच्छेद सत्तावन में किया गया है ! अनुच्छेद अट्ठावन राष्ट्रपति के लिए चुनाव हेतु योग्यता का निर्धारण करता है ! यानी कौन व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकता है ? कौन व्यक्ति राष्ट्रपति का चुनाव नहीं लड़ सकता है ?

 

इसका जिक्र हमें संविधान के अनुच्छेद अट्ठावन में देखने को मिलता है ! तो ये तो हुई भारतीय राष्ट्रपति से संबंधित संविधान में क्या प्रावधान किए गए हैं ?

 

भारत के कुछ चर्चित राष्ट्रपति

अब उन प्रावधनों की की बात कर लेते है ! कि भारत के कुछ चर्चित राष्ट्रपति कौन रहे हैं ? तो इस चर्चित राष्ट्रपति की सूची में जो सबसे पहला नाम है ! वो है श्रीमती प्रतिभा पाटिल का नाम जो कि भारत की बारह वीं राष्ट्रपति थी ! उन्होंने जुलाई दो हज़ार सात से जुलाई दो हज़ार बारह के दौरान भारत के बारह वें राष्ट्रपति के तौर पर भारत को अपनी सेवाएं दी थी !

 

श्रीमती प्रतिभा पाटिल

उनका नाम इस सूची में सबसे प्रमुख और सबसे पहला इसलिए है ! क्योंकि वो देश की पहली महिला राष्ट्रपति थी ! और इस लिहाज से वह काफी महत्वपूर्ण हो जाती है ! उन्हें इसके अलावा भारत के राष्ट्रपति रहने के अलावा उन्होंने साल दो हज़ार चार से साल दो हज़ार सात के बीच राजस्थान के गवर्नर के रूप में भी अपनी सेवाएं दी थीं !

 

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम

इसके अलावा इस सूची में दूसरा नाम डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम का है ! आप सभी लोग डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम से परिचित होंगे ! वो देश के ग्यारह वें राष्ट्रपति थे और उन्होंने जुलाई दो हज़ार दो से जुलाई दो हज़ार सात के बीच भारत को राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं ! डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम आईआईटी मद्रास से एरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में डिग्री प्राप्त की थी ! और उन्होंने भारत में सेटेलाइट और मिसाइल विकास कार्यक्रम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था ! इसलिए इस सूची में उन्हें शामिल किया गया है !

 

राष्ट्रपति केआर नारायण

अगली सूची में नाम है हमारे दस वें राष्ट्रपति केआर नारायण का ! केआर नारायण ने साल उन्नीस सौ सत्तानवे से साल दो हज़ार तक भारत के दस वें राष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दी थी ! वे न केवल भारत के पहले दलित राष्ट्रपति थे बल्कि वे भारत के पहले दलित उप राष्ट्रपति भी थे !

 

उन्होंने भारत के नौवें उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवाएं दी थीं ! वे तीन बार लोकसभा के लिए भी चुने गए ! लोकसभा के सदस्य भी रहे और साथ ही वे एक सफल डिप्लोमैट भी थे ! एक राजनयिक भी थे !

 

मुझे आशा है कि इस पोस्ट के माध्यम से जिन बिंदुओं की चर्चा की गई है ! वो आपको समझ में आएँगे ! और अगर आपके प्रश्न पत्र में इससे संबंधित कोई भी सवाल आता है ! तो आप उसे आसानी से हल कर सकेंगे !

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